खुद गंदगी फैला रहीं नगरपालिका की गाड़ियां, शहर और गांव में रह जाता है आधा कचरा

Update: 2016-10-10 21:47 GMT
नगरपालिका की गाड़िया फैलाती हैं गंदगी

सम्राट प्रीतम रघुवंशी- कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

स्कूल- साईं लॉ कालेज

महोबा। बुंदेलखंड के महोबा जिले में आल्हाचौक में रहने वाले लोगों को ना चाहते हुए भी गंदगी के बीच रहना पड़ रहा है और इसका ज़िम्मेदार खुद जिले में साफ-सफाई बनाए रखने का काम कर रहा नगर पलिका विभाग है।

महोबा के वीर राजा आल्हा और ऊदल के नाम पर महोबा जिले में एक चौक है। देश के कई कोनों से लोग इस ऐतिहासिक स्थल को देखने आते हैं लेकिन यहां इधर-उधर फैला कचरा स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।

आल्हाचौक से सटे हुए गारबेज डंपिंग ग्राउंड में पूरे शहर का कूड़ा-कचरा गिराया जाता है। इस कूड़े को नगर पालिका के ट्रकों और खुली पिकअप गाड़ियों की मदद से डंपिंग एरिया तक पहुंचाया जाता है पर कूड़े गिराने की जगह तक पहुंचते-पहुंचते यह कचरा पूरी नगरक्षेत्र मंप फैल जाता है, जिससे बहुत बदबू आती है।
रवि कुमार (30 वर्ष), -आल्हाचौक निवासी

नियम के अनुसार नगर पालिका में कचरे ढोने वाली गाडि़यों को पूरी तरह से बंद कंनटेनर में कूड़ा ले जाना ज़रूरी है अगर बंद कंनटेनर नहीं है तो कचरा ढोने वाली गाड़ियों में चौतरफा दीवार होना ज़रूरी है, लेकिन इसके बावजूद विभाग अपनी मनमानी पर उतारू है।

नगरपालिका के ट्रक से गिरता कचरा

कुछ ऐसा ही हाल शहर के उदल चौक, बिलवई क्षेत्रों का है। यहां पर कचरा भरे हुए नगर पालिका के ट्रैक्टर बेरोक-टोक चलते हैं और हर जगह कूड़ा गिराते हुए चलते हैं और विभाग मौन है। महोबा जिले के नगर क्षेत्र में फैला यह कूड़ा आस-पास के लोगों के अलावा यहां के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों की परेशानी का एक कारण भी बन रहा है। साई लॉ कॉलेज के छात्रों की माने तो हॉस्टल के करीब ही डंपिंग ग्राउंड है, जिससे बहुत बदबू आती रहती है। कूड़े के कारण यहां मच्छर भी बढ़ रहे हैं, जिससे डेंगू का खतरा भी ज़्यादा है।

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